शनिवार, 6 अगस्त 2011

गंगा की बूँद, आबे ज़मज़म है दोस्ती

ज़िंदगी अगर एक लंबा सफ़र है तो उस सफ़र का सुकून है दोस्ती, ज़िंदगी अगर बारिश है तो एक प्यारी-सी रंगीन छतरी है दोस्ती, ज़िंदगी अगर कड़ी धूप है तो शीतल छाँव है दोस्ती। दोस्ती ज़िंदगी के आसमान में बना सात रंग का इंद्रधनुष है, संसार के समंदर को पार करने के लिए प्यारी सी नाव है, तितली के नाज़ुक पंख है।
दोस्ती वह पतंग है, जिसके सहारे आसमान को छुआ जा सकता है, वह आँख है जिसमें सपनों को बोया जा सकता है, वह राग है जिसमें मल्हार गाया जा सकता है, वह दीया है जिसके सहारे अँधेरे से लड़ा जा सकता है, वह मंत्र है जिसके सहारे सिद्घ हुआ जा सकता है, गंगा की वह बूँद है जिससे दुनिया के पाप धोए जा सकते हैं, आबे ज़मज़म है जिसे पीकर जन्नत के दरवाज़े खोले जा सकते हैं। नामों से कोसों दूर दोस्ती एक अहसास है, जिसके सहारे जिया जा सकता है।
कुल मिलाकर दोस्ती एक ऐसा रूहानी रिश्ता है, जो ख़ुदा के साथ-साथ ख़ुद की भी नेमत है।
दोस्तों
को दोस्ताना मुबारक, दुश्मनों को दोस्ती का न्यौता।
-ओम द्विवेदी
( छवि गूगल से साभार )

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